इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) ने हरे ईंधन के साथ अपनी कार्य नौकाओं को फिर से निकालने की योजना बनाई है और मेथनॉल मिश्रण के आधार पर छह नए जहाजों की खरीद के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ आदेश भी दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीएसएल को हावड़ा में हुगली डॉक और पोर्ट इंजीनियर्स लिमिटेड (एचडीपीईएल) द्वारा किया गया काम मिलेगा, जिसके साथ उसने संयुक्त उद्यम बनाया है।
पीटीआई ने बताया कि आईडब्ल्यूएआई ने हरे ईंधन के साथ अपनी कार्य नौकाओं को फिर से निकालने की भी योजना बनाई है।
उन्होंने कहा कि शिपयार्ड में स्वीडन स्थित कंपनी के साथ एक समझौता है जो समुद्री ईंधन के लिए मेथनॉल के उपयोग में अग्रणी इकाई है। उन्होंने कहा कि कोचीन शिपयार्ड कोलकाता में अपनी सुविधा पर नावों को दोबारा हटा देगा।
सूत्रों ने बताया कि अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए नोडल एजेंसी हल्दिया और वाराणसी के बीच राष्ट्रीय जलमार्ग 1 के नौकायन के लिए स्वच्छ जलती हुई ईंधन का उपयोग करेगी।
पीटीआई की रिपोर्ट ने आईडब्ल्यूएआई के वाइस चेयरमैन प्रवीर पांडे को यह कहते हुए उद्धृत किया कि जनवरी, 201 9 में एट्रोफिटिंग जॉब शुरू होगा। मेथनॉल के आधार पर नए आदेशित छह जहाजों में 1,000-2,000 टन क्षमता है और जर्मनी के डीएसटी द्वारा डिजाइन किया गया है।
पांडे ने कहा कि मेथनॉल आधारित जहाजों को इसके रास्ते पर ईंधन भरने की आवश्यकता होगी क्योंकि जहाजों पर भंडारण सीमित है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता क्योंकि यह कार्गो हैंडलिंग स्पेस को कम करेगा।